जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद को यूपी में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाते समय गोली मारी गई है।
अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या। मेडिकल कॉलेज चेकअप कराने के लिए लाए जाते समय हुई हत्या।
यूपी एसटीएफ ह्यूमन इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी और खास रणनीति पर किसी ऑपरेशन को अंजाम देती है। 5 खास उद्देश्य के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हुआ था। इसके पास राज्य में कहीं भी एक्शन लेने का अधिकार है।
अतीक अहमद का बेटा असद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था। उसने सात यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आवेदन भी किया था और कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसका आवेदन एक्सेप्ट भी हो गया था।
असद के एनकाउंटर के बाद जांच में कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं। पड़ताल में पता लगा है कि अतीक अहमद ने बेटे को छिपाने के लिए अबू सलेम से भी मदद ली थी।
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के शव को कसारी मसारी स्थित कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। नाना और मौसा उसका शव लेने के लिए झांसी जा रहे थे। हालांकि उन्हें डर है कि पुलिस उन्हें भी किसी मामले में फंसा देगी।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। असद का रिश्ता डॉ. अखलाक की बेटी से तय था और सही समय का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि उससे पहले ही यह एनकाउंटर हुआ।
झांसी में असद के एनकाउंटर के बाद माफिया अतीक अहमद कोर्ट में जमकर रोया। इस दौरान माफिया ने कहा कि वह बेटे की मिट्टी में शामिल होने जाना चाहता है। इसका प्रबंध प्रशासन के द्वारा करवाया जाए।
एनकाउंटर शब्द का इस्तेमाल पुलिस और क्रिमिनल की भिड़ंत में होता है। हालांकि, संविधान और कोर्ट दोनों ही इसे गलत ठहराते हैं। कई केस तो ऐसे भी हुए हैं, जब एनकाउंटर के बाद पुलिसवालों को सजा हुई है।
उमेश पाल हत्याकांड मामले में यूपी एसटीएफ की टीम ने असद और गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। यह एनकाउंटर झांसी में हुआ। इस बीच उमेश पाल की मां ने इस एनकाउंटर के बाद पुलिस के एक्शन पर भरोसा जताया।