बता दें कि अमित शाह और मनोज तिवारी ने दिल्ली स्थित यमुना विहार के एक बीजेपी कार्यकर्ता के घर भोजन किया था। यमुना विहार के एक बीजेपी नेता के मुताबिक, भोजन का कार्यक्रम ऐन वक्त पर तय किया गया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर भाजपा के हमले पलटवार करते हुए सोमवार को केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी पर 'गन्दी राजनीति' करने का आरोप लगाया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सीएम सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए। माना जा रहा है कि इस समझौते से असम से बोडोलैंड को अलग राज्य बनाने की मांग अब थम जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अरविंद केजरीवाल पर भ्रांति फैलाकर 2015 का विधानसभा चुनाव जीतने आरोप लगाया और दावा किया कि इस बार उनकी सभी कोशिशें विफल होंगी
आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अमित शाह को कहा कि वह शिक्षा को ‘‘ओछी राजनीति’’ का हिस्सा नहीं बनाएं और न ही छात्रों, शिक्षकों और दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अभिभावकों की कड़ी मेहनत का मजाक उड़ाएं
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है,वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों का चुनाव प्रचार भी तेजी पकड़ रहा है। जहां एक तरफ दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल इस बार भी जीत का दावा कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह के भाजपा समर्थक के घर जाने पर कटाक्ष करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि मंत्री को पार्टी समर्थकों से पूछना चाहिए कि महंगाई के दौर में उनके बच्चों की पढ़ाई का ध्यान किसने रखा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में नागरिकता कानून मुद्दा बनता जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करावल नगर में रैली से ये संकेत दे दिया कि भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा शाहीन बाग में चल रहे नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर शाह आप पर निशाना साधा।
केजरीवाल ने महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस सेवा और 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का प्रावधान किया है। उसके बाद वहीं दिल्ली चुनाव 2020 के अपने घोषणा पत्र में छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा का वादा किया है।
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए बुधवार को उन्हें चुनौती दी कि अगर सीएए—एनआरसी को लेकर जारी विरोध की उन्हें परवाह नहीं है तो वे इसे लागू करने की दिशा में आगे बढें।