उप मुख्यमंत्री सी एन अश्वत्थ नारायण ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 17 नवंबर से इंजीनियरिंग, डिप्लोमा और डिग्री कॉलेजों को खोलने का निर्णय किया गया।’’
आपको बता दें कि यह परीक्षा दूसरी बार स्थगित की गई है। सबसे पहले यह परीक्षा 7 जून 2020 को आयोजित की जाने वाली थी परन्तु इसे कोरोना वायरस कोविड -19 के चलते स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद इसकी नई परीक्षा 1 नवंबर तय की गई। अब इसे भी स्थगित कर दिया गया है।
इस बार राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी (RJD) भी सोशल इंजीनियरिंग में फेरबदल की कोशिश करता दिख रहा है। इसके तहत पार्टी ज्यादा से ज्यादा सवर्ण उम्मीदवारों पर दांव लगाने की तैयारी में है।
15 सितंबर को इंजीनियर दिवस है। हर व्यक्ति में एक इंजीनियर होता है। बचपन में खिलौने बनाना और नये-नये प्रयोग करना इंजीनियरिंग का ही हिस्सा रहा। यह सोच और जुनून हमें आगे ले जाता है। कोई इंजीनियर बनता है, तो अन्य क्षेत्र में नाम कमाता है। ये लड़कियां देश की नामी तीरंदाज हैं। लॉकडाउन में जब इन्हें ट्रेनिंग के लिए साधन नहीं मिले, तो उन्होंने देसी इंजीनियरिंग से चीजें तैयार कर लीं।
गिरोह के सदस्यों द्वारा मोटी कमाई से खरीदे गए लाखों के इलेक्ट्रॉनिक्स गैजट, एप्पल आईफोन, वॉच, हार्ले डेविसन बाइक, जो 7 लाख की है को पुलिस ने जब्त किया है। साथ ही कई पासबुक, एटीएम और 10 चेक बुक भी पुलिस ने जब्त किया है।
कोरोना की वजह से हालात और बिगड़ते चले गए और कैंडिडेट्स की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा तिथियां आगे बढ़ा दी गयी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार यह परीक्षा तिथियां तीसरी बार घोषित हुयी हैं।
सुशांत सिर्फ अच्छे एक्टर, डांसर और परफॉर्मर ही नहीं थे बल्कि पढ़ाई में बहुत काबिल और देश के लिए कुछ कर गुजर जाने वाले शख्स थे। उन्हें शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में बहुत कुछ करना था।
भारत में चीनी ऐप टिकटॉक काफी लोकप्रिय हुआ है, लेकिन हाल ही में आईआईटी के स्टूडेंट्स ने ऐसा ऐप बनाया है जो टिकटॉक को कड़ी टक्कर दे सकता है।
मामला बिहार के भागलपुर जिले का है। जिले के इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मो. नादिर ने पुलिस को शिकायत करते हुए मामले की जानकारी दी है। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि छात्र ने धमकी के साथ-साथ धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले अपशब्द भी कहे।
लाइव ट्रैकर कोविंडिया को महिंद्रा इकोल सेंट्रल इंजीनियरिंग कॉलेज हैदराबाद के तीन छात्रों ने बनाया है। अभी यह ट्रैकर वेबसाइट अधारित है जिसका एप भी बनाया जा रहा है।