वर्ष 2014 में आयुषी साहनी बेहद बुरे दौर से गुजरीं, उनके पिता गुरदीप सिंह साहनी का आकस्मिक निधन हो गया था। आयुषी के पिता चाहते थे कि वे सिविल सर्विसेज में जाएं। पिता के निधन के बाद आयुषी ने उनके सपने को पूरा करने के लिए जीतोड़ संघर्ष किया।
राजस्थान में हाइवे पर ढाबा चलाने वाले के यहां इनकम टैक्स की रेड पड़ी है। यहां से आयकर विभाग की टीम को करीब 2 करोड़ से ज्यादा कैश के साथ अरबों रुपयों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए है। 12 घंटे से एक्शन में है आयकर विभाग के 40 अफसर।
2023 में वित्त मंत्रालय ने टैक्स सिस्टम में चेंज किया है। इसके मुताबिक अब इनकम टैक्स भरने के लिए हर किसी के पास दो ऑप्शन ओल्ड टैक्स (Old Tax Regime)और न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) मौजूद हैं। जानते हैं New Tax Regime में कैसे होगी टैक्स की गणना।
पीएम नरेंद्र मोदी पर बनाए गए डॉक्यूमेंट्री के बाद इन दिनों बीबीसी विवादों में आया था।
बीबीसी मुंबई और दिल्ली ऑफिस के कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और कंप्यूटर-लैपटॉप भी स्कैन किए जा रहे हैं। कथित तौर पर बीबीसी के लोकल कर्मचारियों को ऑफिस में एंट्री से रोक दिया गया है।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे कल्याण इलाके से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। महज 10 हजार महीने की पगार मिलने वाले सिक्योरिटी गार्ड को इनकम टैक्स ने 1 करोड़ 14 लाख का नोटिस भेज दिया। नोटिस मिलते ही परेशान हो पीड़ित ऑफिसों के चक्कर लगा रहा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नए टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया। लेकिन लोग अब भी इस गफलत में हैं, कि उनके लिए नए या पुराने में से कौन-सा टैक्स सिस्टम ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इस बार भी बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदे हैं। खासकर इनकम टैक्स में छूट के साथ ही रोजगार के नए अवसरों को लेकर आम आदमी उम्मीद लगाए बैठा है।
2023 का बजट कुछ ही दिनों में आने वाला है, ऐसे में एक बार फिर टैक्सपेयर्स उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाया जाएगा। इसी बीच, केंद्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब को लेकर पॉजिटिव संकेत दिए हैं।
Budget 2023: बजट 2023-2024 में आम चुनाव से पहले भले ही केंद्र सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण सबक होगा, लेकिन ज्यादातर अर्थशास्त्रियों की मानें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अधिक खर्च से बचेंगी और स्थिरीकरण यानी स्टेबिलिटी के मकसद से एक संतुलित मार्ग यानी बैलेंस रूट अपनाएंगी।