सावन (Sawan) मास के प्रत्येक मंगलवार (Tuesday) को मंगला-गौरी (Mangla Gauri) व्रत किया जाता है। इस दिन देवी पार्वती (Devi Parvati) की पूजा विशेष रूप से की जाती है। कल यानी 3 अगस्त को भी महिलाओं द्वारा मंगला गौरी (Mangla Gouri) व्रत किया जाएगा। इसके बाद ये व्रत 10 और 17 अगस्त को आएगा। धर्म ग्रंथों के अनुासर ये व्रत अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला है। सुहागिन महिलाओं को ये व्रत विशेष रूप से करना चाहिए। इससे उनकी मनोकामना पूरी होंगी और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहेगी।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने वालों को कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान शंकर की कृपा से भक्तों के मन की मुरादें भी पूरी होती हैं।
कई बार ऐसा समय आता है कि बनते काम बिगड़ने लगते हैं। अचानक सभी ओर से निराशा हाथ लगने लगती है। पैसों का नुकसान होने लगता है। लाल किताब के अनुसार, इसका कारण ग्रहों का अशुभ होना हो सकता है।
किसी भी व्यक्ति के जीवन पर बृहस्पति यानी गुरु ग्रह का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जीवन में मान-सम्मान, संयम, सदाचार, शील, धैर्य, प्रतिष्ठा, विवाह सुख आदि अनेक कारक बृहस्पति के ही प्रभावक्षेत्र में आते हैं।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को विजया पार्वती व्रत किया जाता है। इसे मंगला तेरस भी कहते हैं। इस बार ये व्रत 22 जुलाई, गुरुवार को है।
कोरोना संक्रमण के चलते दुनियाभर की जीवनशैली पर प्रतिकूल असर पड़ा है। बड़े नौकरियां छूटने या कामकाज संबंधी अन्य दिक्कतों के कारण तनाव में आए, तो बच्चे घर में कैद रहने से चिढ़चिढ़े, खामोश या क्रोधी हो गए। इससे कैसे बचें...जानिए एक्सपर्ट से उपाय...
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तिजोरी का स्थान कुबेर देव का स्थान है। तिजोरी में धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास स्थान माना जाता है। इसलिए तिजोरी का स्थान शुभ दिशा में होना चाहिए।
धार्मिक और ज्योतिष मान्यता के अनुसार, गुरुवार देवगुरु बृहस्पति का दिन है और देवताओं में भगवान विष्णुजी से संबंधित है।
आज (13 जुलाई, मंगलवार) अंगारक चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। अंगारक जन्म कुंडली में बनने वाला एक अशुभ योग है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों की विशेष भूमिका होती है। 9 ग्रहों और 12 राशियों की गणना के आधार पर किसी व्यक्ति के भविष्य के बारे में अध्ययन किया जाता है।