आज (21 जून, सोमवार) ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे निर्जला और भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस व्रत में पूरे दिन बिना खाए-पिए रहना होता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने का विधान है।
आज (20 जून, रविवार) गंगा दशहरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। इस दिन मां गंगा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। साथ ही इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 20 जून, रविवार को है। इस संबंध में मान्यता है कि प्राचीन समय में इसी तिथि पर राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं।
कई बार ग्रह दोष या अन्य कारणों से एक के बाद एक परेशानियां आती रहती हैं। एक परेशानी से छुटकारा मिलते ही दूसरा संकट आ खड़ा होता है। कई लोग इस वजह से डिप्रेशन की स्थिति में आ जाते हैं। लाल किताब में ऐसी स्थिति से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय करने से परेशानियों से थोड़ी राहत मिल सकती है।
वास्तु शास्त्र में घर की निगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, इन्हीं में से एक है नमक के पानी का पोंछा लगाना।
प्रत्येक व्यक्ति के जन्म समय और तिथि के अनुसार ग्रह, नक्षत्रों की गणना करके कुंडली बनती है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं।
इस बार 14 जून, सोमवार को पुष्य नक्षत्र शाम 6.23 तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र सोमवार को होने से ये सोम पुष्य कहलाएगा। इसी दिन विनायकी चतुर्थी भी है। सोमवार को पुष्य नक्षत्र और विनायकी चतुर्थी होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है और मंगल ग्रह भी बलवान होता है।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। वहम, डर और डिप्रेशन जैसी स्थितियां मन से जुड़ी हुई समस्या है।
कई वास्तु के अनुसार व्यक्ति की सफलता या असफलता के लिए आसपास की ऊर्जाएं भी जिम्मेदार होती हैं। यदि आपको व्यापार में लगातार असफलता मिल रही है तो इसका एक कारण नकारात्मक ऊर्जा भी हो सकती है।