हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख 28 अप्रैल से शुरू हो चुका है, जो 26 मई तक रहेगा। महाभारत, स्कंद और पद्म पुराण के साथ ही निर्णय सिंधु ग्रंथ में भी वैशाख महीने का महत्व बताया गया है।
27 अप्रैल को चैत्र मास की पूर्णिमा है। त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान शिव के अवतार हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस दिन मंगलवार होने से ये दिन और भी शुभ हो गया है। इस दिन और भी विशेष योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस दिन किए गए उपाय शीघ्र ही शुभ फल प्रदान करेंगे।
हिंदू धर्म में शकुन-अपशकुन की मान्यता सदियों से चली आ रही है। धर्म ग्रंथों में भी कई ऐसे संकेत बताये गए हैं जिसके द्वारा आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको मनोवांछित कार्य में सफलता मिलेगी या नहीं। इन संकेतों को शकुन-अपशकुन कहा जाता है।
इस बार 27 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र मास की पूर्णिमा है। इस दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि पर भगवान शिव के अवतार हनुमाजी का जन्म हुआ था।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। कामदा एकादशी को भगवान श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। इस बार यह व्रत 23 अप्रैल, शुक्रवार को है।
जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। इनमें स्थित ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही हमें शुभ-अशुभ फल प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं राहु-केतु जन्म कुंडली के किस भाव में होते हैं तो क्या फल मिलता है और उसके अशुभ फल से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।
आज (21 अप्रैल, बुधवार) श्रीराम नवमी है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन छोटे-छोटे ज्योतिषीय उपाय करने से आपका दुर्भाग्य दूर हो सकता है।
16 अप्रैल की रात से बुध ग्रह ने मीन से मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। अब ये ग्रह 30 अप्रैल तक मेष राशि में ही रहेगा। ग्रह के राशि परिवर्तन की तारीख के संबंध में पंचांग भेद भी हैं।
आज (16 अप्रैल, शुक्रवार) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं।
आज (15 अप्रैल, गुरुवार) गणगौर तीज है। इस दिन विशेष रूप से माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। यह कुंवारी और विवाहिता स्त्रियों का त्योहार है।