बृहस्पति को सौर मंडल का मंत्री और देवताओं का गुरु कहा जाता है। ये ग्रह हर व्यक्ति के जीवन पर व्यापक असर डालता है। जानिए गुरु जब शुभ या अशुभ होता है तो हमारे जीवन पर क्या असर डालता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिणमुखी मकान लेने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा के मकान शुभ फल प्रदान नहीं करते और जीवन में परेशानियां बढ़ाते हैं।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 6 जनवरी, बुधवार को है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से आपकी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार कलियुग में हनुमानजी की पूजा से हर सुख मिल सकता है और परेशानियां दूर हो सकती हैं। हनुमानजी की पूजा भी कई स्वरूपों में की जाती है। इन सभी में हनुमानजी का पंचमुखी स्वरूप बहुत ही विशेष हैं।
जन्म कुंडली में जब एक ही भाव में दो ग्रह साथ में हो तो शुभ-अशुभ योग बनता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव व जीवन काल पर पड़ता है। जब राहु और सूर्य एक ही भाव में होते हैं तब ग्रहण योग बनता है ।
जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों के आधार पर शुभ और अशुभ योग बनते हैं। इनका असर व्यक्ति के जीवन पर हमेशा बन रहता है। आज हम आपको कुंडली में बनने वाले 5 ऐसे अशुभ योगों के बारे में बता रहे हैं, जिनके कारण व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मल यानी खर मास 16 दिसंबर से शुरू हो चुका है, जो 14 जनवरी तक रहेगा। इस मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं यानी इस महीने के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में किया गया दान, जाप, तप और उपाय का फल कई गुना होकर मिलता है।
मंगलवार को हनुमानजी का पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता हैं। इस दिन हनुमानजी को चोला विशेष रूप से चढ़ाया जाता है।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि ये तिथि पितरों को समर्पित है। जब ये अमावस्या सोमवार को आती है तो सोमवती अमावस्या का योग बनता है।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण कई शुभ और अशुभ योग बनते हैं। इनमें से एक अशुभ योग है गुरु चांडाल योग। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है, उसके जीवन में उथल-पुथल बनी रहती है।