प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 17 मार्च, बुधवार को है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह कुंडली में अपने से सातवें घर में मौजूद ग्रह को पूर्ण दृष्टि से देखता है। आज हम बात करते हैं शनि की दृष्टि की। शनि की तीन दृष्टियों 3,7,10 में से तीसरी दृष्टि को सबसे शक्तिशाली और खतरनाक माना गया है।
इन दिनों फाल्गुन मास चल रहा है, जो 28 मार्च को समाप्त होगा। ये हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है। इसी मास में वसंत ऋतु की शुरूआत होती है।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई व्यक्ति तनाव में जी रहा है। कभी परिवार के लेकर तनाव हो जाता है तो कभी नौकरी और व्यापार को लेकर। जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, वे लोग जल्दी ही तनाव में आ जाते हैं और कोई गलत कदम उठा लेते हैं।
हिंदू धर्म में पीपल को बहुत ही पूजनीय वृक्ष माना गया है। पीपल की ही एक और प्रजाति है पारस पीपल। ये सामान्य पीपल से थोड़ा अलग दिखाई देता है। यह आमतौर पर जंगलों में पाया जाता है।
इस बार 13 मार्च, शनिवार को फाल्गुन मास की अमावस्या है होने शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है। ये साल 2021 की पहली शनिश्चरी अमावस्या है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत खास मानते हैं।
इस बार 11 मार्च, गुरुवार को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सिद्धि और श्रीवत्स आदि कई विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इन शुभ योगों में कुछ खास उपाय कर लिए जाएं तो शिवजी की कृपा मिल सकती है।
फाल्गुन कृष्ण एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 9 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है, उसे हर काम में विजय यानी सफलता मिलती है।
जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसे अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। ये उपाय बहुत ही सरल हैं।
इस वर्ष महाशिवरात्रि (11 मार्च, गुरुवार) पर कई विशेष शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।