चन्दन एक पवित्र, उपयोगी एवं सुंगधित लकड़ी है। इसका उपयोग अनेक धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ आदि में किया जा सकता है।
जिस घर में सास-बहू मां बेटी बनकर रहती हैं वो घर किसी स्वर्ग से कम नही होता, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। कुछ घरों में रोज छोटी-छोटी बातों पर सास-बहू के बीच विवाद होना आम बात है।
अशुभ फल देने वाले ग्रहों को अपने पक्ष में करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। संबंधित ग्रह का रत्न पहनना भी उनमें से एक है। लेकिन असली रत्न मूल्यवान होने के कारण आम लोगों की पहुंच से दूर होते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों से प्राप्त होने वाला शुभ प्रभाव अलग-अलग ग्रहों से संबंधित पेड़ों की जड़ों को धारण करने से भी प्राप्त किया जा सकता है।
इस बार 28 जनवरी, गुरुवार को पौष पूर्णिमा और गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है और गुरुवार के साथ इसका संयोग बहुत ही खास माना जाता है।
हस्तरेखा के अनुसार हथेली की हर रेखा का अपना एक खास महत्व है। इनमें से कुछ रेखाएं शुभ और तो कुछ अशुभ फल प्रदान करती हैं। कुछ रेखाएं ऐसी भी होती हैं जो अंगुली के नीचे स्थित पर्वत को घेरती हुई दिखाई देती हैं। इन्हें वलय कहा जाता है। आज हम आपको रवि वलय के बारे में बता रहे हैं।
रावण संहिता में ज्योतिष और तंत्र शास्त्र के माध्यम से भविष्य को जानने के कई रहस्य बताए गए हैं। इस संहिता में बुरे समय को अच्छे समय में बदलने के लिए भी चमत्कारी तांत्रिक उपाय बताए हैं।
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को धन-संपत्ति का स्वामी बताया गया है। जीवन के सभी भौतिक सुख इस ग्रह के शुभ फलों से प्राप्त होते हैं। जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ हो, वह कुछ आसान उपाय कर शुक्र ग्रह को अनुकूल कर सकते हैं ।
ज्योतिष शास्त्र में अनेक योगों का वर्णन मिलता है। ये योग दो या दो से अधिक ग्रहों के आपस में संबंध से बनते हैं। ये योग शुभ भी होते हैं और अशुभ भी। आज हम आपको विष योग के बारे में बता रहे हैं।
मंत्री कवासी लखमा ने कहा मैंने एक अखबार में पढ़ा था कि ओडिशा हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी से बचने के लिए चापड़ा चटनी को रामबाण बताया और इसको लेकर शोध करने को भी कहा था।
बृहस्पति को सौर मंडल का मंत्री और देवताओं का गुरु कहा जाता है। ये ग्रह हर व्यक्ति के जीवन पर व्यापक असर डालता है। जानिए गुरु जब शुभ या अशुभ होता है तो हमारे जीवन पर क्या असर डालता है।