सार

आज (13 जुलाई, मंगलवार) अंगारक चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। अंगारक जन्म कुंडली में बनने वाला एक अशुभ योग है।

उज्जैन. जिस व्यक्ति की कुंडली में ये दोष होता है उसे अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस योग के अशुभ फल से बचने के लिए अंगारक चतुर्थी पर कुछ विशेष उपाय करना चाहिए। आगे जानिए कब बनता है ये योग और इसके उपाय…

राहु और मंगल से बनता है योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और मंगल की युति होती है तब अंगारक योग का निर्माण होता है। इस योग के निर्माण से प्रभावित व्यक्ति को खून से संबंधित परेशानियां बढ़ जाती है। यह योग भाई के लिए अशुभ रहता है। इस अशुभ योग के कारण जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं।

अंगारक दोष के उपाय
1.
ये योग राहु और मंगल के कारण बनता है, इसलिए अंगारक चतुर्थी पर इन दोनों से ही संबंधित उपाय करने चाहिए।
2. अंगारक चतुर्थी पर जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार का अनाज, नीले और भूरे रंग के कपड़े और कांच के समान का दान करें।
3. राहु के दोष दूर करने के लिए कबूतरों को बजारा खिलाना अच्छा होता है।
4. राहु दोष को दूर करने के लिए चंदन का इत्र लगाएं और किसी दूसरे व्यक्ति को दान करें।
5. राहु ग्रह को दूर करने के लिए चांदी से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी पहनना शुभ होता है।
6. मंगल ग्रह से शुभ फल पाने के लिए अंगारक चतुर्थी पर व्रत रखें और लाल चीजों का दान करें।
7. अंगारक चतुर्थी के योग में हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।

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