7 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है। इस दिन देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती है।
नवरात्र में व्रत के दौरान उपवास करने और उसके बाद ज्यादा गरिष्ठ भोजन करने से अपच और गैस की समस्या हो जाती है। इससे स्वास्थ्य खराब हो जाता है। जानें, कैसे बचें इससे।
फ्रांस में लकवे से ग्रस्त एक व्यक्ति मस्तिष्क नियंत्रित ‘एग्जोस्केलेटन’ (बाहरी ढांचा) की मदद से फिर से चल सकने में समर्थ हो पाया है।
6 अक्टूबर, रविवार को शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। नवरात्रि के बाकी के दिनों की तुलना में ये दिन कुछ ज्यादा ही खास माना जाता है।
आम तौर पर 45-50 की उम्र के बीच महिलाओं में मेनोपॉज की अवस्था आने लगती है। इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार देवी शक्ति की उपासना नवरात्रि में पूरे विधि-विधान से की जाए तो सभी सुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में विभिन्न प्रकार से देवी की पूजा के बारे में उल्लेख किया गया है।
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 29 सितंबर से 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।
शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से प्रारंभ हो गयी है।
श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस समय वृष और कन्या राशि पर शनि की ढय्या तथा वृश्चिक, धनु व मकर राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव है।