Jaya Ekadashi Upay: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंदों को दान के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है। इस बार 1 फरवरी को जया एकादशी का योग बन रहा है।
Saphala Ekadashi 2022: साल 2022 की अंतिम एकादशी 19 दिसंबर, सोमवार को है। इस दिन एक नहीं कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ गया है। इस एकादशी का नाम सफला एकादशी है। इस दिन व्रत करने से हर काम में सफलता मिलती है।
Indira Ekadashi Upay: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 21 सितंबर, बुधवार को है। श्राद्ध पक्ष में होने की वजह से इसका महत्व काफी अधिक माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत कर पूजा की जाती है। इसलिए हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक महीने में 2 बार एकादशी तिथि आती है। इस प्रकार एक साल में 24 एकादशी आती है। इनमें से हर एकादशी का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 12 अप्रैल, मंगलवार को है। इस एकादशी को धर्म ग्रंथों में बहुत विशेष माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
आज (14 मार्च) फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2022) कहते हैं। आज पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का संयोग भी बन रहा है। सोमवार को पुष्य नक्षत्र होने से ये सोम पुष्य (soma pushya) कहलाएगा। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि और प्रजापति नाम के 2 अन्य शुभ योग भी आज बन रहे हैं।
आज (27 फरवरी, रविवार) फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022) कहते हैं। विजया एकादशी में व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा-आराधना विधि विधान से किया जाता है।
इस बार 28 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास की एकादशी का योग बन रहा है। इसे षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। ये तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है और दिन यानी शुक्रवार को देवी लक्ष्मी से संबंधित माना जाता है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोह जाल तथा पापों से छुटकारा पा जाते हैं।