ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 21 जून, सोमवार को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत करने से वर्ष की सभी एकादशियों का फल प्राप्त हो जाता है।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 6 जून, रविवार को है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोह जाल तथा पापों से छुटकारा पा जाते हैं।
वैशाख महीने की पहली एकादशी 7 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस एकादशी व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। कामदा एकादशी को भगवान श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। इस बार यह व्रत 23 अप्रैल, शुक्रवार को है।
इस बार 24 मार्च, बुधवार को आमलकी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु व आंवला वृक्ष की पूजा करने का विधान है। इसलिए इसे आमलकी एकादशी कहते हैं।
फाल्गुन कृष्ण एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 9 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है, उसे हर काम में विजय यानी सफलता मिलती है।
इस बार 23 फरवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे जया, अजा व भीष्म एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस तिथि को बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ माना गया है। इस बार ये तिथि 7 फरवरी, रविवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 9 जनवरी, शनिवार को है। इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।