एक्सपर्ट के अनुसार, हैप्पी हाइपोक्सिया के कारण करीब 5 फीसदी मौतें हुई हैं। ऑक्सीजन लेवल कम होने से अचानक सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, घबराहट, पसीना आना, चक्कर आने लगते हैं और मरीज की तबियत बिगड़ने लगती है।
भारत में कोरोना का कहर जारी है। महामारी के खिलाफ जंग में दुनिया के तमाम देशों ने भारत की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। इसमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है। कोरिया ने अर्जेंट मेडिकल सप्लाई भेजी है। इसमें 230 ऑक्सीजन कंसेंटेटर, रेगुलेटर के साथ 200 ऑक्सीजन सिलेंडर और 100 निगेटिव प्रेशर आइसोलेशन स्ट्रेचर भेजे हैं।
कोरोन संक्रमण की दूसरी लहर से जूझते भारत को दुनियाभर से मेडिकल हेल्प मिल रही है। छोटे-बड़े सभी मित्र देश भारत के साथ इस महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। यह वजह है कि कुछ दिन पहले तक ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाओं और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट्स की कमी से परेशान भारत में स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर बेहतर हो रही हैं। दुनियाभर से रोज मदद पहुंच रही है। वहीं, स्थानीयस्तर पर भी सरकारें, औद्योगिक घराने और स्वयंसेवी संगठन अपने-अपने स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में मदद कर रहे हैं। आइए जानते हैं भारत को कहां से क्या मदद मिल रही है...
कोविड-19 से भारत में मचे हाहाकार के बीच दुनिया के तमाम देशों ने मदद को हाथ आगे बढ़ाया है। दुनिया के तमाम मित्र देश ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाएं और मेडिकल इक्विपमेंट्स से लेकर हर जरूरी सामानों से लगातार मदद कर रहे हैं। देश में भी कई औद्योगिक घरानों ने मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। मिलजुलकर लड़ी जा रही इस लड़ाई से कोविड मरीजों को आवश्यक मदद पहुंच जा रही। आइए जानते हैं कि महामारी के खिलाफ चल रहे महाअभियान में भारत को कहां-कहां से मदद मिल रही है...
देश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 12 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया। यह टास्क फोर्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चिकित्सा ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं के आवंटन की सिफारिश करेगा।
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के लिए एक अच्छी खबर है। कोरोना संक्रमण में बेहद 'कारगर' साबित होने जा रही DRDO द्वारा ईजाद की गई दवा 2-DG को DCGI ने इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है। DRDO ने दावा किया है इस दवा के सेवन से ऑक्सीजन लेवल नहीं गिर पाता। इसके अलावा बाकी रोगियों की तुलना में इस दवा को लेने वाले मरीज की रिपोर्ट भी जल्द निगेटिव आ जाती है। बता दें कि मई, 2020 में इस दवा के फेज-2 ट्रायल्स को मंजूरी मिली थी, जो सफल रहा।
देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। कर्नाटक का बेंगलुरु देश के सबसे संक्रमित शहरों में से एक हैं। यहां अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें भी सामने आ रही हैं। ऑक्सीजन की कमी और कोरोना मरीजों को इसकी जरूरत को देखते हुए नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन मदद के लिए आगे आया है।
कोरोना संक्रमण के खिलाफ भारत में छेड़े गए 'महायुद्ध' को देश-दुनिया से बहुत मदद मिल रही है। स्थानीयस्तर पर जहां औद्योगिक घराने अपने स्तर पर ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाएं और मेडिकल इक्विपमेंट्स को लेकर मदद कर रहे हैं, वहीं भारत के पड़ोसी मित्र भी लगातार मदद पहुंचा रहे हैं। शुरुआत में संक्रमण के कारण देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा था, लेकिन अब लगातार स्थितियों में सुधार हो रहा है। आइए जानते हैं कि महामारी के खिलाफ चल रहे महाअभियान में भारत को कहां-कहां से मदद मिल रही है...
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। खासकर ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रही है। शुक्रवार को इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो टूक कहा कि उसे दिल्ली को जितना कोटा आवंटित किया है, वो उसे मिलना चाहिए। वहीं कर्नाटक का कोटा भी बढ़ाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि उसे कड़े फैसले के लिए मजबूर न किया जाए।