यूपी के जिले वाराणसी में विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ को अब योगी सरकार यादगार बनाने जा रही है। आगामी 13 दिसंबर से एक साल होने पर मंदिर प्रशासन ने सुबह से लेकर रात तक कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने काशी तमिल संगमम के तहत आयोजित एकेडमिक कार्यक्रम में कहा कि काशी औऱ तमिलनाडु के बीच में काफी पुराना संबंध है। इस आयोजन के माध्यम से उन संबंधों को ही साकार किया जा रहा है।
यूपी की विश्वनाथ नगरी काशी में पौराणिक मंदिरों की पहचान के लिए 100 भव्य स्तंभों को निर्माण होगा। यह पथ स्तंभ हर जगह की अलग-अलग यात्रा और मंदिरों की पहचान के रूप में स्थापित किए जाएंगे। जिसको देखते ही मंदिरों की पहचान बन सकेगी।
काशी तमिल संगमम् के उद्देश्य को एस शंकरलिंगम चरितार्थ कर रहे हैं। उनकी इस विशिष्ट कला के लिए कई बार उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। उनकी कई पीढ़ियों से यह काम हो रहा है।
वाराणसी में काशी तमिल संगमम् में एक ही जगह पर 90 प्रमुख मंदिरों का दर्शन किया जा सकता है। यहां 90 छायाचित्र लगे हैं। इसमें से 61 छायाचित्र तमिलनाडु के और 29 काशी के हैं।
यूपी के जिले वाराणसी में काशी तमिल संगमम् का मां गंगा की आरती का स्वागत हुआ। इस कार्यक्रम में आए व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया है। शहर की हर गली और चौराहों को पूरी तरह से भारतीयों के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है।
शनिवार की सुबह अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर पीएम मोदी पहुंचेंगे। यहां वह 'डोनी पोलो हवाई अड्डे, ईटानगर' का उद्घाटन करेंगे। इस पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
वाराणसी में काशी तमिल संगमम को लेकर तैयारी जारी है। इस बीच प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। यहां 75 स्टॉलो पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, हैरिटेज आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
काशी के घाटों पर साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरू हो चुका है। इन पक्षियों के आगमन से घाटों की रौनक और भी बढ़ गई है। यह पक्षी नौका विहार के लिए आने वाले पर्यटकों का विशेष आकर्षण हैं।
वाराणसी में होने वाले काशी तमिल समागम को लेकर तैयारियां जारी हैं। कहा जा रहा है कि इस समागम में पीएम मोदी भी शामिल हो सकते हैं। काशी विद्वत परिषद की ओऱ से आयोजित इस समागम में देशभर के सनातनी विचार रखेंगे।