हार्वर्ड साइंटिस्ट्स की यह स्टडी ऐसे समय पर सामने आई है जब दुनिया इस महामारी के चलते लगाए गए सख्त लॉकडाउन में नरमी बरतने पर विचार कर रहा है। शोधकर्ता स्टीफन किसलर ने कहा कि हमने कोविड-19 वैक्सीन, मौसम बदलने के साथ बीमारी बढ़ने की शंका, इंसान के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में उत्पन्न हुई प्रतिरोधक क्षमताओं आदि को ध्यान में रखते हुए इसका अनुमान लगाया है।
हैदराबाद की एक कंपनी ने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने की घोषणा की है।
हरकीरत सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में लखीमपुर में बतौर जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से पुरस्कृत भी किए गए हैं। वह वर्तमान में प्रयागराज में अपने गांव में अपने पिता और भाई के साथ रह रहे हैं।
कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। लेकिन एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए यह काफी नहीं है। यह बात कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई है।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा है। अब तक इससे 27 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी वैज्ञानिकों का एक दावा भारत के लिए राहत भरी खबर ला सकता है।
21 मार्च को ऑनलाइन जनरल में प्रकाशित रिसर्च पेपर संकट की इस घड़ी में भारतीयों के लिए उम्मीद जगा रहा है। एक्सपर्ट ने अपने रिसर्च में भारत, इटली, यूएसए, नेपाल व चीन के वुहान शहर के मरीजों पर केस स्टडी की। इसमें वुहान के दो मरीज की हिस्ट्री ली गई है।
भारत में कोरोना के मामलों की स्टडी करने वाले COV-IND-19 स्टडी ग्रुप के मुताबिक,मई के दूसरे हफ्ते तक भारत में 13 लाख कोरोना के मामले आ सकते हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि COVID-19 का एंटी वायरस जल्द तैयार हो जाएगा। दुनियाभर में इस पर युद्धस्तर रिसर्च चल रही है। ऐसी ही एक रिसर्च का हिस्सा हैं..हिसार जिले के एक गांव हरिता के रहने वाले किसान के बेटे अमित सहरावत।
कोरोनावायरस संक्रमण भले ही भारत में अब बेअसर होता जा रहा है और इसके बहुत कम केस सामने आ रहे हैं, लेकिन कोरोनावायरस के आफ्टर इफैक्ट्स कई लोगों को परेशान कर रहे हैं।