यूपी के कानपुर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 3 साल की मासूम से रेप करने वाले शख्स को 23 दिन में सजा सुना दी। कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के इस फैसले की चारो तरफ तारीफ हो रही है।
कर्नाटक में 13 अप्रैल को कोलार में अपनी एक प्रचार रैली के दौरान राहुल ने कथित तौर पर कहा था ‘‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी.... आखिर इन सभी का उपनाम मोदी क्यों है ? सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है ?’’
आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल के पास कुलदीप सिंह सेंगर के संबंध में कोर्ट द्वारा मांगी गयी जानकारी उपलब्ध नहीं है। कम्पनी के वकील ने अदालत को इसकी जानकारी दी है।
अकसर कहा जाता है कि सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती। यह कहावत तमिलनाडु में तिरुवरूर के रहने वाले 91 साल के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस एम मिसकीन को 1 अक्टूबर को पीएचडी डिग्री मिलने के बाद एक बार फिर सच साबित हो गई।
सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने मंगलवार को मुंबई में आरे जंगल मामले में सुनवाई की। बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को और पेड़ो की कटाई रोकने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया है कि अब और पेड़ नहीं काटे जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने गोरेगांव की आरे कॉलोनी के संबंध में एनजीओ और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की ओर से दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करने को लेकर संघीय और प्रांतीय सरकारों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। शीर्ष अदालत ने 2014 में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक फैसला दिया था।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई केस में आज सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हैं। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन हासिल करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता बरती गई। उस दौरान पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति (उत्पीड़न से संरक्षण) कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को हलका करने संबंधित 20 मार्च, 2018 का को्र्ट का फैसला मंगलवार को वापस ले लिया।
जस्टिस एन. वी. रमणा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने के फैसले संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केन्द्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया।