सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट लगातार 40 दिन में 172 घंटे सुनवाई हुई। अयोध्या में मुस्लिम शासक बाबर ने 1528 में बाबरी मस्जिद बनवाई थी। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, इसी स्थान पर भगवान राम जन्मे थे।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जज की बेंच अपना फैसला शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे सुनाएगी।
तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को वकीलों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर कुछ कहासुनी हो गई थी। यह विवाद कार पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। वकीलों का कहना है कि पुलिस ने वकील को लॉकअप के सामने कार खड़ी करने से रोका था।
जमीयत उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद ने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि कोर्ट का फैसला आस्था की बुनियाद पर ना होकर कानूनी दायरे में होगा और कोर्ट के फैसले को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ससम्मान स्वीकार करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से गाय के नाम पर तो कभी जय श्री राम के नाम पर धार्मिक जुनून पैदा करके देश की हिन्दू-मुस्लिम बुनियाद हिलाने की कोशिश हो रही है, वो शर्मनाक है।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारी संख्या में वकील मौजूद थे। सुनवाई के दौरान अफरातफरी और शोरगुल हुआ। वकीलों ने कहा कि इस पूरे मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाई जाए। शोरगुल के बाद चीफ जस्टिस उठकर अंदर चले गए। कोर्ट में पुलिस की दलील पर वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाए हैं।
जमीयत की ओर से जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया कि अयोध्या मामला महज भूमि विवाद का मामला नहीं है बल्कि कानून की प्रधानता की परीक्षा का मामला है। उन्होंने सभी से अपील की कि फैसला कुछ भी आए, वे शांति बनाए रखें।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए मानसिक रूप से कमजोर 59 महिलाओं के आईक्यू अंक और तस्वीर पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह जवाब दायर की गई एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मांगा है।
दिल्ली में जैसा विवाद छिड़ा है, वैसा ही 1988 में भी हुआ था, तब किरण बेदी नार्थ दिल्ली की डिप्टी कमिश्नर थीं। विवाद की शुरुआत जनवरी में एक वकील की गिरफ्तारी से हुई, जिसपर चोरी का आरोप लगा था।
तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए झड़प में घायल पुलिसकर्मी को गंभीर चोट आई है। जिसमें पुलिसकर्मी के कान के पर्दे फट गए है।
ईडी ने दावा किया था कि वाड्रा जांचकर्ताओं से सहयोग नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा को लंदन में एक संपत्ति की खरीद को लेकर धनशोधन के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। वाड्रा ने ईडी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच में उनके सहयोग नहीं करने का एक भी उदाहरण नहीं है।