कोविड-19 की दूसरी लहर थम चुकी है। यह दौर उस बुरे सपने की तरह था जिसे शायद ही कोई याद रखना चाहे लेकिन तमाम ऐसे दुःस्वप्न होते हैं जो भूले नहीं भूलते, यह भी उन यादों की तरह ही है। हालांकि, नकारात्मक पक्ष को नजरअंदाज कर इसके सकारात्मक पक्ष से सीख लें तो आगे चलकर ऐसी महामारियों से निपटने में मदद मिलेगी। कोविड-19 की जंग को जीतने वाले लोगों के संघर्ष की कहानियां भी ऐसी सकारात्मक सीख के लिए जानना चाहिए।