उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की तैयारियां युद्वस्तर पर शुरू हो गई हैं। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी अलर्ट मोड पर रहें।
लगातार हो रही बारिश ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे बाढ़ और जलभराव हो गया है। बारिश जारी रहने से विशेषकर देहरादून शहर जलभराव से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
चार धाम यात्रा 2023(Char Dham Yatra 2023): केदारनाथ धाम तीर्थयात्रियों के लिए खोले जाने के दो दिन बाद उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम 27 अप्रैल को सुबह 7:10 बजे मंत्रोच्चार के साथ खोल दिया गया।
Char Dham Yatra: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा जल्दी ही शुरू होने वाली है। यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके चलते अब एक फोन कॉल पर भी यात्री चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के गलत पंजीकरण होने पर पर्यटन विभाग ने उत्तराखंड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन को पत्र भेजा है। जिसमें टूर आपरेटरों को निर्देश दिए कि पंजीकरण में प्रत्येक यात्री की व्यक्तिगत जानकारी देने होगी। भविष्य में इस तरह की गलत होने पर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर निकले यात्रियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। कोरोनाकाल के दो साल बाद ऐतिहासिक यात्रा होने वाली है। कई महीनों में यात्रियों की संख्या चार से पांच लाख पहुंचती थी लेकिन इस बार एक महीने में ही छह लाख के पार पहुंच चुकी है।
चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौत पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हुआ है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य समेत चारधाम यात्रा के जिलों के डीएम को नोटिस जारी किए हैं और 22 जून तक जवाब मांगा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य में डॉक्टरों की कमी पर भी टिप्पणी की है।
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच प्रशासन भी यात्रियों की संख्या के मद्देनजर तैयारियों में जुटा है।
चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत के सामने आ रहे आंकड़ों से सभी हैरान है। महज एक माह के भीतर ही 117 लोगों की मौत होने के बाद इसके पीछे के कारणों पर मंथन जारी है।