यूपी के मथुरा में कोर्ट में मंगलवार को शाही ईदगाह मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है जिसमें ज्ञानवापी का जिक्र करते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह को भी सील किया जाए।
वाराणसी में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष का दावा सामने आया है। हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि हम फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर जानते हैं। इसी के साथ उसके चारों तरफ बने घेरे को तोड़ने की याचिका दी गई है।
ज्ञानवापी सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के बाद सील किए गए स्थान को लेकर कोर्ट में एक आपत्ति डाली गई है। इस आपत्ति के जरिए कई अहम बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर(Gyanvapi Masjid Case) में सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। सर्वे के खिलाफ मसाजिद कमेटी ने याचिका दाखिल की है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ कर रही है।
ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद पूरे देश में हिंदू समाज में खुशी का माहौल दिखा है। वहीं अयोध्या के तपस्वी छावनी में सोमवार को देसी घी के दीपक जलाकर मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
ज्ञानवापी में सर्वेक्षण पूरा होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है। सोमवार को सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के द्वारा कहा गया था कि बाबा मिल गए तभी से लोग जमकर शेयर कर रहे है।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट आज वाराणसी कोर्ट में नहीं होगी पेश। सैकड़ों फोटोग्राफ और घण्टों के वीडियो होने की वजह से रिपोर्ट तैयार नही हो पाई है इसलिए न्यायालय में दूसरे दिन की तारीख के लिए एप्लिकेशन देंगे।
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे सोमवार को पूरा हो गया। इस दौरान हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां शिवलिंग मिला है, जिसकी लंबाई करीब 12 फीट है। इस दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने फिलहाल उस जगह को सील कर दिया है।
ज्ञानवापी सर्वे को लेकर एक पक्ष यह दावा कर रहा है कि जो भी उनके द्वारा कहा गया था वह सब सर्वे में दिखा दिया गया है। इसको लेकर तैयार की गई रिपोर्ट मंगलवार को कोर्ट के सामने रखी जाएगी।
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के मामले में कोर्ट का आदेश सामने आया है। कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दिया है। इसी के साथ अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।