ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी से जुड़े 7 मुकदमों की सुनवाई अब एक साथ होगी। वाराणसी की जिला अदालत ने सभी मुकदमों को एक साथ क्लब करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात जुलाई निर्धारित की गई है।
यूपी की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में प्रसिद्ध ज्ञानवापी मस्जिद में मिली कथित शिवलिंग को लेकर काफी दिनों से विवाद है। बीते 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी के वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी से जुड़े प्रकरण की तीन मई को अब सुनवाई होगी। इसके अंतर्गत सात मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की मांग की है। जिस पर जिला जज ने 19 पेज के आदेश में कहा था कि बिंदु का निर्धारण किया जाएगा कि एक साथ फैसला सुनाना उचित है या नहीं।
वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी से जुड़े सभी सात मामलों की सुनवाई अब एक साथ होगी। इससे संबंधित प्रार्थना पत्र पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश सुना दिया है।
ज्ञानवापी मामले को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। दरअसल ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी सात मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के आवेदन पर आज भी कोर्ट का आदेश टल गया है।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर को लेकर जिला अदालत में 6 मामलों की आज यानि की गुरुवार को सुनवाई होनी थी। बता दें कि फिलहाल इन मामलों की सुनवाई टल गई है। महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने सभी मामलों में अलग-अलग डेट नियत कर दी।
वाराणसी के 2 अलग-अलग कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े पांच अलग-अलग मामलों पर आज सुनवाई की गई है। पांचों मामले में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग, कथित शिवलिंग की पूजा, और राग-भोग के अधिकार सहित अन्य मांगें शामिल हैं।
ज्ञानवापी में बने वुजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी पर वाराणसी न्यायालय में सुनवाई हुई। उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने इस मामले में चौक थाने से रिपोर्ट भी तलब की है। इसके साथ ही अगली सुनवाई छह दिसंबर को तय की है।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की याचिका मामले पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। वहीं सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया है। दो हफ्ते बाद मामले पर कोर्ट का फैसला आएगा।
सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग में पूजा की मांग के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है। इस मामले की सुनवाई अब दो दिसंबर को होगी।