कुछ ही पल में उसे पकड़कर तीन लोग बारी-बारी चाकू से वार करते हैं। मोहल्ले में आसपास कई लोग मौजूद हैं। एक व्यक्ति बाइक पर बैठा है और एक कुर्सी पर। लेकिन कोई भी हस्तक्षेप नहीं करता है। उधर, हत्यारे बेरहमी से चाकू मारकर मनीष की जान ले रहे हैं। इस दौरान कुछ लोग उधर से गुजरते हैं। वह वहां तमाशा देखते हैं फिर बिना किसी हस्तक्षेप के चले जाते हैं।