दिवाली (27 अक्टूबर) पर माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। दीपावली व माता लक्ष्मी से जुड़ी अनेक मान्यताएं व परंपराएं हमारे देश में प्रचलित हैं।
इस बार 27 अक्टूबर, रविवार को दीपावली है। इस दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति और आरतियों की रचना की गई है।
कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, रविवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये दिन लक्ष्मी कृपा पाने के लिए बहुत ही शुभ है, क्योंकि इस दिन किए गए उपाय, टोटके आदि का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
दीपावली पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन प्रमुख लक्ष्मी मंदिरों में भी भक्त दर्शन करते जाते हैं। मुंबई से लगभग 400 किमी. दूर कोल्हापुर महाराष्ट्र का एक जिला है, जहां धन की देवी लक्ष्मी का एक सुंदर मंदिर है।
इस बार 13 अक्टूबर, रविवार को शरद पूर्णिमा है। धर्म शास्त्रों में इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहा गया है।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस पूर्णिमा पर महालक्ष्मी की आराधना कर व्रत भी किया जाता है।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत किया जाता है
धर्म ग्रंथों में महालक्ष्मी को धन की देवी बताया गया है। ऐसा भी कहा जाता है कि इनकी कृपा से ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय पुराणों में बताए गए हैं।
न्यूमरोलॉजी में किसी व्यक्ति का शुभ अंक उस व्यक्ति के जन्मतिथि के अनुसार लगाया जाता है। जिसे मूलांक कहते हैं। मूलांक जन्मतिथि के अंकों के योग को कहा जाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति का जन्म 22 अप्रैल को हुआ तो तो इनके दोनों अंकों का योग 2+2=4 आता है इसे ही मूलांक कहा जाता है।
Diwali 2022: ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां बताई गई हैं। हर राशि का अपना अलग महत्व है। खास मौकों पर राशि अनुसार उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है और किस्मत भी चमक सकती है। दीपावली भी एक ऐसा ही मौका है।