रक्षाबंधन (3 अगस्त, सोमवार) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कालांतर में रक्षाबंधन का पर्व राखी के नाम से जाना जाने लगा।
हर कोई यही चाहता है कि धन की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उस पर बना रहे। इसके लिए वह पूरे विधि-विधान से भगवान को मनाने में जुटा रहता है तो कभी दान-धर्म कर पुण्य कमाता है मगर कम ही लोग ये जानते हैं कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजन स्थान पर उचित रोशनी का होना भी बहुत जरुरी है।
मान्यता है कि धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा से कुंडली के कई ग्रह दोष भी दूर हो सकते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, धन लाभ के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों और स्तुतियों की रचना की गई है। उन्हीं में से एक है श्रीसूक्त।
गरुड़ पुराण के अनुसार, आगे बताए गए 5 काम करने से देवी लक्ष्मी मनुष्य तो क्या स्वयं भगवान विष्णु का भी त्याग कर देती हैं।
न्याय और नीति के अनुसार काम करने वाले लोगों पर देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है। ऐसे लोगों को धन संबंधी कामों में विशेष लाभ मिलता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इसी दिन नृसिंह के रूप में अवतार लिया था। इस बार ये पर्व 6 मई, बुधवार को है।
हिंदू धर्म में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन किए गए उपवास, दान व उपाय का अक्षय यानी संपूर्ण फल मिलता है। इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है।
हमारे जीवन में पानी का बहुत महत्व है, क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव ही नहीं है। धर्म ग्रंथों में भी पानी से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।