लंदन हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले के तहत बैंक ऑफ इंडिया को अधिकार दिया कि वो नीरव मोदी से वसूली करने के लिए दुबई स्थित कंपनी समेत दुनिया में कहीं भी नीरव मोदी की संपत्तियों और परिसंपत्तियों की नीलामी कर सकता है।
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामले में एक डेवलपमेंट हुआ है। विशेष PMLA कोर्ट को बैंकों ने बताया कि उसकी कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड के बैंक अकाउंट्स से पैसा नहीं निकाला जा सकता है।
पंजाब नेशनल बैंक का सबसे बड़ा घोटाला 2018 में सामने आया था। इस केस में मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की स्वामित्व वाली कंपनियों ने बैंक के एलओयू का उपयोग करके 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की थी। अब पीएनबी में एक नए घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी( Fugitive diamond merchant Nirav Modi case) ने लंदन के हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी है। 51 वर्षीय हीरा कारोबारी ने इस महीने की शुरुआत में मेंटल हेल्थ के बेस पर एक अपील खो दी थी।
भरोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की याचिका ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही नीरव के यूके से भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। उसने प्रत्यर्पण रुकवाने के लिए याचिका लगाई थी।
हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले नीरव मोदी (Nirav Modi) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। नीरव मोदी की करीब 253 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने अटैच कर लिया है। ये संपत्ति हांगकांग और चीन में थी।
अरबों की संपत्ति के मालिक मुकेश अंबानी की फैमिली में फिर से शहनाई बजी है। उनकी भांजी इशिता सालगांवकर की दोबारा शादी हुई। हालांकि इस शादी निजी रखा गया। आइए जानते हैं शादी से जुड़ी कुछ बातें।
ईडी ने नीरव मोदी के 3 फ्लैट की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले ईडी ने दो घड़ियों सहित लग्जरी आइटम्स की नीलामी की थी, जिससे 2.71 करोड़ रुपए वसूले गए थे।
पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ के लोन की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई एक अहम गवाह को मिस्र से लाने में सफल रही है। माना जा रहा है कि नीरव मोदी का यह राजदार घोटाले से जुड़े अहम सबूत दे सकता है।
सरकार (Central Govt) ने जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इस तरह के मामलों में अदालतों द्वारा पारित किसी भी कठोर कार्रवाई के अंतरिम आदेशों द्वारा कवर की गई कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपए है।