Parshuram Jayanti 2023: इस बार परशुराम जयंती का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब धरती पर क्षत्रियों का अत्याचार काफी बढ़ गया तब भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लेकर क्षत्रियों का नाश किया था।
Akshaya Tritiya 2023: इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास हो जाता है।
Hanuman Jayanti 2023: इस बार हनुमान जयंती का पर्व 6 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमानजी की पूजा विधि-विधान से करना चाहिए। इससे हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और हर तरह की परेशानी दूर करते हैं।
Som Pradosh: इस बार 3 अप्रैल, सोमवार को सोम प्रदोष का योग बन रहा है। खास बात ये है कि ये विक्रम संवत 2080 का पहला सोम प्रदोष है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
chaitra navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस बार ये तिथि 30 मार्च, गुरुवार को है। देवी सिद्धिदात्री की पूजा से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है। देवी के इस रूप की पूजा असुर भी करते हैं।
Chaitra Navratri 2023: 29 मार्च, बुधवार को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस दिन देवी महागौरी की पूजा का विधान है। देवी महौगारी की पूजा से हर तरह मनोकामना पूरी होती है। माता का ये स्वरूप गौरा है, इसलिए इसे महागौरी कहा जाता है।
chaitra navratri 2023: 28 मार्च, मंगलवार को चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी का ये रूप अत्यंत भयंकर है, जिसे देखकर दैत्य भी कांपने लगते हैं। इनकी पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस बार ये तिथि 27 मार्च, सोमवार को है। महर्षि कात्यायन की पुत्री होने से देवी का ये नाम पड़ा। देवी के इस रूप की पूजा से रोग, शोक, संताप और डर आदि नष्ट हो जाते हैं।
Kamda Ekadashi 2023: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 1 अप्रैल, शनिवार को है। इस दिन कई शुभ योग एक साथ बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Chaitra Navratri 2023: देवी दुर्गा के अनेक रूप हैं, इनमें से 9 रूपों की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है। इन देवी की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।