डिफेंस मिनिस्ट्री के जारी किए गए बयान के मुताबिक सरकारी सेवा में उच्चतम पेंशन भुगतान को संशोधित कर 2.5 लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया है। ये पेंशन कर्मचारियों के बच्चों मिलेगी। मंत्रालय का ये फैसला 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगा।
अगर किसी बैंकिंग कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में लास्ट सैलरी की 30 फीसदी मिलेगी।
सालाना महंगाई दर 5 फीसदी मानकर यह रकम 30 साल बाद बढ़कर 2.16 लाख रुपये हो जाएगी। इसके साथ ही आपके रिटायरमेंट के बाद हर साल यह राशि बढ़ती जाएगी।
हैदराबाद के 73 साल के गंगाधर तिलक कटनम 'रोड डॉक्टर' के नाम से मशहूर हैं, जो पिछले 11 सालों से अपनी जेब से अपनी पेंशन के पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि लोगों को गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।
पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली (SPARSH) को सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के सभी पेंशनभोगियों के लिए चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। 30 लाख से अधिक पेंशनभोगियों की डिजिटल प्रोसेसिंग के माध्यम से सही समय पर सही पेंशनभोगी को सही भुगतान सुनिश्चित करने के लिए यह पोर्टल लांच किया जा रहा है।
इस योजना में उन विधवाओं को शामिल किया गया है जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और जिनकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है। इसके अलावा एक शर्त और भी है। पति की मृत्यु के बाद महिला ने दोबारा शादी न की हो। जिन महिलाओं के बच्चे नाबालिग हैं, या जिनके बड़े बच्चे उनकी देखभाल करने में असमर्थ हैं, वे भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 6,019 एक्टिव केस हैं। 1,675,684 लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में 22,030 लोगों की मौत हो चुकी है।
आंदोलनकारी की मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रितों को यह लाभ मिलेगा। पुनर्गठित आयोग का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। चिन्हितिकरण आयोग को मिले आवेदन के आधार पर दस्तावेजों की जांच की जाएगी, जो आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को चिन्हित करेगा।
केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम, 1972 में संशोधन कर डीओपीटी ने एक क्लाॅज जोड़ दिया है। सेवानिवृत्ति या सेवा के दौरान अपने विभाग-मंत्रालय या सरकारी कामकाज से संबंधित कोई भी सामग्री को प्रकाशित कराने या उसके बारे में लिखने पर पाबंदी होगी। इसके लिए उसे पूर्व अनुमति लेनी होगी।
कोविड-19 महामारी के शिकार परिवारों की मदद के लिए राज्य सरकारें आगे आ रही हैं। दिल्ली के बाद मध्य प्रदेश और पंजाब सरकार ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए है।