जेल से रिहा होने के बाद खुशी दुबे ने बिकरू कांड को लेकर कहा कि वह उस खौफनाक रात को कभी भी नहीं भूल सकती हैं। इस बीच उन्होंने उन 4 दिनों का भी जिक्र किया जिसका खुलासा वह सही समय आने पर करेंगी।
यूपी के जिले कानपुर में बिकरू कांड की जांच अब कमिश्नरी पुलिस करेगी। अभी तक आउटर पुलिस एडीजी जोन मामले की मॉनिटरिंग कर रही थी। बता दें कि दो जुलाई 2020 को बिकरू गांव में पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बिकरु कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में जांच कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा है। कोर्ट की ओर से कहा गया कि इस मामले की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी।
बिकरू कांड के आरोपियों पर अभी तक कोई आरोप तय नहीं हो पाया है। पुलिस ने बिकरू हत्याकांड में 40 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के लिए नई डेट दी है। अब इसी डेट पर विकास दुबे की पत्नी के मामले की भी सुनवाई की जाएगी।
कानपुर में श्यामनगर में बेटे बहू को बंधक बनाकर पुलिस पर गोली चलाने वाला आरके दुबे पुलिसवालों को ललकार रहा था। खुद की तुलना विकास दुबे से कर रहा था। डीसीपी ने बताया कि आरके बोला कि मैं विकास दुबे से भी खूंखार हूं। कुछ भी कर सकता हूं। सब मारे जाओगे। वो भी दुबे था मैं भी दुबे हूं।
सिरफिरे ने बहू और बेटे को बंधक बनाने के बाद इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। बड़ी मशक्कत के बाद डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार बातचीत कर उसको समझा सके। तब वह घर के भीतर दाखिल हुए और तत्काल आरोपी को हिरासत में लेकर बेटे-बहू को बचाया। आरोपी मानसिक तनाव में था। बता दें कि इस दौरान पुलिस ने एक गोली भी नहीं चलाई।
कानपुर के बिकरू कांड में अपराधियों से मिलीभगत में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी आरके चतुर्वेदी को अयोध्या के सीओ पद पर तैनाती मिली है। जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद आयोग ने आरके चतुर्वेदी को किसी अहम पर पर तैनात न करने का आदेश दिया था।
बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के कई करीबी अब पुलिस की नजर में है और उन सभी पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ने विकास दुबे के बहन बहनोई की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क किया है। इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद है।
कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि बिकरू कांड में जो पुलिसकर्मी दोषी पाए गए थे उनमें से अधिकतर की जांच कमिश्नरी पुलिस को सौंपी गई थी, जिसमें से तत्कालीन एसओ विनय तिवारी व हलका इंचार्ज केके शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है।
जेल में बंद आरोपियों में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी व बिकरू हलका इंचार्ज केके शर्मा भी शामिल हैं। विभागीय जांच में दोनों दोषी पाए गए। जिसके बाद अब उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विवेचना में सामने आया था कि दोनों पुलिसकर्मी विकास दुबे के करीबी थे।