हिंदू परंपरा के अनुसार कंबोडिया पांचवां धाम बना है। जहां भगवान शिव की 180 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। इस पूरे निर्माण पर 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च आई है।
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने वानर जाति में हनुमान के रूप में अवतार लिया था।
भगवान शिव व विष्णु एक-दूसरे के पूरक हैं। धर्म ग्रंथों में जहां भगवान विष्णु को सृष्टि का पालक बताया गया है, वहीं भगवान शिव को संहारक कहा गया है,लेकिन लिंग पुराण के एक प्रसंग में इन दोनों देवों के अवतारों के युद्ध का वर्णन भी मिलता है।
भगवान शिव ने भी जनकल्याण के लिए अनेक अवतार लिए हैं जिनमें से 1 हैं दुर्वासा मुनि जो बहुत क्रोधी थे। भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण की मृत्यु के कारण भी दुर्वासा ऋषि ही थे।
शिवजी की कई बातें उन्हें अन्य देवताओं से अलग बनाती हैं, इन बातों में लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र छिपे हैं।
श्रावण मास में भगवान शिव के अलग-अलग अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है। बहुत कम लोग शिव के इन अवतारों को जानते हैं।
भगवान शिव की भक्ति का महीना है सावन । शिवपुराण में उनके कई अवतारों की बात की गई है, लेकिन बहुत कम लोग इनके बारे में जानते हैं।
महादेव श्मशान में रहते हैं अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं। ऐसी और न जाने कितनी बातें हैं जो शिवजी को अन्य देवताओं से अलग बनाती है। दिखने में ये सभी चीजें असामान्य हैं, लेकिन इन सभी के पीछे लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र छिपे हैं।
सावन के इस पवित्र महीने में हम आपको भगवान शिव से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे हैं जैसे- भगवान शिव के कौन से 2 अवतार अमर है और शिव का ही पूजन लिंग रूप में क्यों किया जाता है।
शिव श्मशान में निवास करते हैं, गले में नाग धारण करते हैं, भांग व धतूरा ग्रहण करते हैं। आदि न जाने कितने रोचक तथ्य इनके साथ जुड़े हैं।