प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार 22 जून, मंगलवार को प्रदोष तिथि होने से मंगल प्रदोष का योग बन रहा है।
2 जून को मंगल ग्रह राशि परिवर्तन कर मिथुन से कर्क में चला जाएगा। इस राशि में मंगल नीच स्थिति में रहता है। इस राशि में मंगल 20 जुलाई तक रहेगा। मंगल के राशि परिवर्तन का शुभ-अशुभ असर सभी राशियों पर रहेगा।
अंग्रेजी कैलेंडर का छठा महीना जून शीघ्र ही शुरू होने वाला है। ये महीना ज्योतिषीय नजरिये से बहुत ही खास है। इस महीने 12 में से 5 ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। इनमें सूर्य और मंगल के राशि परिवर्तन के कारण अशुभ योग बनेंगे, जिनका असर देश की राजनीति पर पड़ेगा।
23 मई, रविवार से शनि ग्रह वक्री हो गया है यानी टेढ़ी चाल से चलने लगा है, ये स्थिति 10 अक्टूबर तक रहेगी। इन 141 दिनों में शनि के साथ कुछ दिन बुध और फिर गुरु भी टेढ़ी चाल से चलेंगे। इस दौरान जून-जुलाई में करीब 48 दिन शनि और मंगल का अशुभ योग भी रहेगा।
हिंदू परिवारों में विवाह से पूर्व लड़का-लड़की की जन्मकुंडली और गुणों का मिलान किया जाता है। इनमें सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है मांगलिक दोष को। लड़का या लड़की किसी एक की कुंडली में भी मांगलिक दोष होता है तो उनका विवाह नहीं किया जाता है या अत्यंत आवश्यक ही हो तो मंगल दोष का परिहार या पूजा करके विवाह किया जाता है।
इस बार 11 मई, मंगलवार को वैशाख अमावस्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मंगलवार और अमावस्या का योग बने तो उसे भौमावस्या कहते हैं। ये योग मंगल और पितृ दोष शांति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार को इतिहास रच दिया। मंगल पर Ingenuity हेलिकॉप्टर ने पहली बार उड़ान भर भरी। यह हेलिकॉप्टर परसेवेरेंस रोवर के साथ मंगल पर भेजा गया था। इसे लेकर नासा के वैज्ञानिकों ने 6 साल तक कड़ी मेहनत की थी।
इस बार हिंदू संवत्सर 2078 का आरंभ 13 अप्रैल, मंगलवार से होगा। नए संवत्सर का नाम आनंद रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस संवत्सर का राजा और मंत्री मंगल रहेगा।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हमारी हथेली में हर ग्रह से संबंधित स्थान होते हैं। इन्हें पर्वत कहते हैं। इन पर्वतों का उभार अच्छा हो तो संबंधित ग्रह शुभ फल देता है और अगर निम्न हो तो उस ग्रह से संबंधित अशुभ फल भोगने पड़ते हैं।
हिंदू धर्म में पेड़ों को पूजनीय माना गया है। बरगद का पेड़ भी इन्हीं में से एक है। धर्म ग्रंथों के अनुसार बरगद में देवताओं का वास माना जाता है।