देश में पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बज चुका है। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं। इन मतदान के बाद परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
लूनर क्रूजर (Lunar Cruiser) की डिजाइन इस तरह से तैयार की गई है जो ना केवल लोगों को चंद्रमा और मंगल (Moon and Mars) पर ले जाने में सक्षम होगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि आपका प्रवास आरामदायक और पूरी तरह से सुविधाजनक हो, इसके साथ ही टोयोटा नया मुकाम हासिल कर सकता है।
धर्म ग्रंथों में मंगल ग्रह को पृथ्वी पुत्र कहा गया है यानी पृथ्वी से उत्पन्न और ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। पिछले दिनों ये ग्रह राशि बदलकर धनु में आ चुका है। इस राशि में ये ग्रह 26 फरवरी तक रहेगा। इसके बाद ये ग्रह मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा।
एलन मस्क ने कम होती आबादी को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN)पर भी अपनी भड़ास निकाली। कहा कि अगर धरती के लिए ही पर्याप्त इंसान नहीं रहेंगे तो निश्चित रूप से वे मंगल ग्रह के लिए भी पर्याप्त नहीं होंगे। गौरतलब है कि महामारी में पूरी दुनिया में मौतों की संख्या काफी अधिक रही है, जबकि जन्म दर कम हुई है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। ये ग्रह 16 जनवरी को वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर चुका है। इस राशि में ये ग्रह 26 फरवरी तक रहेगा। इसके बाद मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा।
मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे क्रूर ग्रह कहा जाता है। मंगल ग्रह 16 जनवरी की शाम को वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश कर चुका है। इस राशि पर ये ग्रह 26 फरवरी तक रहेगा और इसके बाद मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा।
16 जनवरी, रविवार की शाम से मंगल धनु राशि में प्रवेश कर चुका है। मंगल इस राशि में 26 फरवरी तक रहेगा। मंगल के धनु राशि में प्रवेश करते ही इसका शनि के साथ द्विद्वादश संबंध बनेगा। द्विद्वादश संबंध अनेक परेशानियों का कारण बनेगा।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। ये ग्रह हमारे जीवन पर सीधा असर डालता है। ये ग्रह मेष एवं वृश्चिक राशियों का स्वामी है। मंगल के कारण ही रुचक महापुरुष योग का निर्माण होता है।
दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ग्रहों का परिवर्तन लगातार हो रहा है, जिसकी वजह से कई शुभ-अशुभ योग बन रहे हैं। इस समय वृश्चिक राशि में सूर्य, बुध, मंगल और केतु स्थित है। 10 दिंसबर को बुध राशि बदलकर धनु में प्रवेश कर जाएगा।
7 दिसंबर, मंगलवार को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से ये अंगारक चतुर्थी कहलाएगी। अंगारक चतुर्थी का योग साल में कई बार बनता है, लेकिन ये योग इस बार बहुत खास है क्योंकि इस समय मंगल और राहु का दृष्टि संबंध होने से ग्रहों का अंगारक योग भी बन रहा है।