रक्षा सूत्र को सामान्य बोलचाल में राखी कहा जाता है, जो वेद के संस्कृत शब्द रक्षिका का अपभ्रंश हैं। इसका अर्थ है- रक्षा करना, रक्षा करने को तत्पर रहना या रक्षा करने का वचन देना।
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श्रावण मास की पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन (इस बार 3 अगस्त, सोमवार) पर ब्राह्मणों द्वारा श्रावणी उपाकर्म किया जाता है। इस परंपरा का पालन पुरातन काल से किया जा रहा है।
हमारे देश में अनेक त्योहार समय-समय पर मनाए जाते हैं। इस सभी के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक पक्ष जरूर छिपे होते हैं।
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये उत्सव श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 3 अगस्त, सोमवार को है।
इस बार रक्षाबंधन (3 अगस्त, सोमवार) पर एक नहीं कईं शुभ योग बन रहे हैं।
इस बार 3 अगस्त, सोमवार रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इसलिए इस दिन सुबह 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं।
रक्षाबंधन (3 अगस्त, सोमवार) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कालांतर में रक्षाबंधन का पर्व राखी के नाम से जाना जाने लगा।
हिंदू धर्म में हर त्योहार से जुड़ी कोई-न-कोई परंपरा जरूर होती है। रक्षाबंधन पर्व से जुड़ी ऐसी ही एक परंपरा है, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं।
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है। इस बार 3 अगस्त, सोमवार को ये पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार ये पर्व बहुत ही खास रहेगा, क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं।