भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से कहा है कि किसी भी पक्ष को परमाणु हमले के विकल्प की ओर नहीं बढ़ना चाहिए। दोनों देशों को बातचीत के माध्यम से विवाद का हल निकालना चाहिए।
राष्ट्रपति पुतिन ने इस तथ्य की ओर इशारा किया था कि ब्रिटिश पीएम को पूरे देश द्वारा नहीं बल्कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा नेतृत्व मतपत्र में चुना गया था। पुतिन ने कहा था कि ग्रेट ब्रिटेन के लोग सरकार बदलने में हिस्सा नहीं लेते हैं। वहां के शासक अभिजात वर्ग के पास अपनी व्यवस्था है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश सदस्य हैं, जिनमें पांच स्थायी सदस्य हैं, जबकि दस अस्थायी सदस्य हैं। भारत अस्थायी सदस्य है। स्थायी सदस्यों के पास ही सिर्फ वीटो इस्तेमाल करने का पॉवर होता है।
यूक्रेन से दिलचस्प मगर हैरान करने वाली खबर सामने आई है। कुछ यूक्रेनी नागरिक ऐसे हैं, जो रूस के समर्थन में लड़ रहे हैं। ओलेग इनमें एक हैं। यूक्रेन में रहते हुए रूस के समर्थन वाली अलगाववादी सेना की ओर से लड़ रहे हैं। उनका बेटा अर्तर उन्हीं के खिलाफ यूक्रेन की सेना में भर्ती हुआ है।
जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने दुश्मनों को एक बार में अधिक से अधिक संख्या में नुकसान पहुंचाने के लिए खास तकनीक अपनाई थी। यह था कैमिकेज अटैक और इसे अब रूस ने अपनाया है यूक्रेन से चल रही जंग में, मगर अपने नए अंदाज में।
रूस के बेलगोरोद के एक मिलिटरी ट्रेनिंग ग्राउंड में हुए आतंकी हमले में 11 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। ये लोग यूक्रेन में लड़ने के लिए ट्रेनिंग ले रहे थे। जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर मारे गए।
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीनों से चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद रूस बुरी तरह बौखलाया हुआ है। ऐसे में यूक्रेन को अब इस बात का डर सता रहा है कि रूस कहीं बदला लेने के लिए उस पर परमाणु हमला न कर दे।
रूस ने इंस्टाग्राम और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा को आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल कर दिया है। रूस में इंस्टाग्राम और फेसबुक का इस्तेमाल करने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
पिछले 7 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग थमने के बजाय और बढ़ती जा रही है। इसमें आग में घी डालने का काम तब हुआ, जब एक बम हमले में रूस की शान कहे जाने वाले क्रीमिया ब्रिज को उड़ा दिया गया। इस हमले के बाद से ही पुतिन बौखलाए हुए हैं।
भारत सहित संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के 107 दस्य देशों ने रिकॉर्ड वोट के पक्ष में मतदान करने के बाद गुप्त मतदान के लिए मास्को की मांग को खारिज कर दिया है। दुनिया भर के केवल 13 देशों ने गुप्त मतदान के लिए रूस की मांग पर सहमति जताई है।