बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महकमा अब कोई कोर-कस्र नहीं छोड़ना चाहता है। लखनऊ में बीते 10 दिनों में हुई ताबड़तोड़ वारदातों के मद्देनजर पुलिस कमिश्नरी में 7 ACP के क्षेत्र में बदलाव किया गया है। तेज तर्रार अफसरों को संवेदनशील क्षेत्रों की कमान सौंपी गई है। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं
यूपी के 2 शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद आईपीएस सुजीत पांडेय ने बुधवार को लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में पदभार संभाला। इस दौरान उन्हें जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
योगी सरकार की सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुजीत पांडेय लखनऊ और अपर पुलिस महानिदेशक(एडीजी) आलोक सिंह को गौतमबुद्धनगर का पहला कमिश्नर बनाया गया है। आज हम आपको बताने जा रहा हैं आखिर कौन हैं ये पहले पुलिस कमिश्नर।
यूपी में योगी सरकार बनने के बाद पहली बार सोमवार को कैबिनेट बैठक हुई, जो कि आमतौर पर हर हफ्ते में मंगलवार होती थी। इस बैठक में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया गया, जिसे योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है।
योगी सरकार राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है। बता दें, गुरुवार को प्रदेश सरकार ने 13 आईपीएस के ट्रांसफर किए थे। साथ ही नोएडा के एसएसपी को सस्पेंड कर दिया था। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया।
CAA के विरोध में सूबे में हुई हिंसा के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम सामने आया है। यह प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का लघु रूप है। लखनऊ पुलिस ने संगठन के तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है
कर्नाटक के मंगलोर में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद हुई पुलिस फायरिंग में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। वहीं, लखनऊ में एक व्यक्ति की मौत की खबर सामन आई है।
लखनऊ में पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल हो गया। लखनऊ पुलिस केवल सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी अपील पहुंचाने में ही सीमित रह गई। उधर CAA के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पूरे लखनऊ में कहर ढा दिया। दो पुलिस चौकियों को आग के हवाले करने के साथ ही तीन दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई
यूपी में धारा 144 लागू होने के बावजूद नागरिकता कानून को लेकर यूपी के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को राजधानी लखनऊ और संभल में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। राजधानी के हसनगंज में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। यहां पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर उसे जलाने की कोशिश की गई।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लखनऊ में भी हिंसा की आग पहुंच गई है। लखनऊ के नदवा कालेज के बाहर छात्रों ने जमकर बवाल किया। नाराज छात्र CAB के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं