भारत-चीन सीमा विवाद(India-China border dispute) को लेकर फिर से चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि LAC के पास चीन सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। वहां बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा भी जुटा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह न केवल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए बल्कि शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए भी आवश्यक है।
पिछले साल अगस्त में, Indian Army ने चीनी चौकियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट में कई ऊंचाइयों पर चीनियों को पछाड़ दिया था।
20 में से, आठ कर्मियों को उनके वीरतापूर्ण कार्य, सावधानीपूर्वक योजना और सामरिक अंतर्दृष्टि के लिए और 15 जून, 2020 को गलवान वैली में देश की रक्षा के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया।
ये वीडियो पूर्वी लद्दाख का है। चीन की बढ़ती हरकतों से निपटने यहां भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट ने युद्धाभ्यास( practising attack operations)किया। वहीं, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गरुण फोर्स के जवान तैनात हैं।
यह समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में एलएसी का दोनों पक्षों द्वारा कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं होगा। इससे आमने-सामने के एक और संवेदनशील क्षेत्र का समाधान हो गया है।
लद्दाख के ज़ंस्कार में स्थित पेनसिलुंगपा ग्लेशियर (PG) पीछे खिसक रहा है। देहरादून स्थित Wadia Institute of Himalayan Geology (WIHG) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
लद्दाख में बनने वाला यह विश्वविद्यालय करीब 110 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। स्थानीय प्रशासन ने विवि स्थापना के लिए करीब 110 एकड़ जमीन की पहचान कर ली है।
Ladakh में सड़क को बनाने में BRO को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खराब मौसम से भी लगातार जूझना पड़ा है। ठंड के मौसम में यहां पर तापमान माइनस 40 डिग्री तक नीचे चला जाता था। साथ ही सामान्य जगहों पर भी ऑक्सीजन लेवल में 50 फीसदी की गिरावट आ जाती थी।
सोमवार सुबह 5 बजे दक्षिण हैदराबाद में 4.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इससे पहले रविवार रात पूर्वी सिक्किम में भूकंप के झटके आए थे।