वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने लिखा कि गालवान घाटी से इस वक्त खुश-खबर आ रही है। हमारे टीवी चैनल पहले यह दावा कर रहे हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से चीन पीछे हट रहा है। चीन अब घुटने टेक रहा है। अपनी हठधर्मी छोड़ रहा है लेकिन इस तरह के बहुत-से वाक्य बोलने के बाद वे दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं कि दोनों देश याने भारत भी उस रेखा से पीछे हट रहा है। वे यह भी बता रहे हैं कि हमारे सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच कल दो घंटे वीडियो-बातचीत हुई।
पीएम मोदी ने गलवान हिंसा में जख्मी हुए जवानों से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी की दो तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। एक तस्वीर शुक्रवार की है तो दूसरी 21 साल पुरानी करगिल युद्ध के दौरान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को लेकर बौखलाए चीन ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि इस मौके पर किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे माहौल खराब हो या तनाव बढ़े।
चीन से चल रहे विवाद के बीच पीएम मोदी के इस दौरे ने सिर्फ जवानों में ही नहीं जनता में भी जोश भर दिया। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस दौरे पर लोगों ने इस तरह अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लद्दाख के लेह के दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी पहुंचे।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत शुक्रवार को लेह का दौरा करेंगे। इस दौरान उन्होंने 14 कोर के अफसर पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी देंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी।
चीन से जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली है। भारत ने लद्दाख में स्पेशल फोर्सेज की तैनाती की है। यह वही स्पेशल फोर्सेज है जिन्होंने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। इन फोर्सेज को अलग-अलग स्थानों से लद्दाख ले जाया गया है।
पिछले 1.5 महीने से गलवान घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद अब खत्म होता नजर आ रहा है। भारत और चीन एक बार फिर गलवान घाटी और गोगरा हॉट पर शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को तैयार हो गए हैं। इस इलाके में दोनों देश धीरे धीरे अपनी सेनाएं पीछे हटाएंगे।
पूर्वी लद्दाख में 15 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, लेकिन चीन के कितने सैनिकों की जान गई, इसपर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है।
चीन के साथ लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद चरम पर है। जहां एक ओर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं रहा, वहीं, दूसरी ओर भारत भी पीछे हटने को तैयार नहीं। अब भारत सरकार के शीर्ष नेतृत्व में एक राय बनती नजर आ रही है।