इस बीच विवाद तूल पकड़ने के बाद जिला और रिम्स प्रशासन भी सक्रिय हो गया। प्रशासन ने भी मौके पर पहुंचकर जांच किया और जरूरी निर्देश भी दिए। रिम्स में अब लालू से किसी का मिलना आसान नहीं होगा।
याचिका झारखंड हाईकोर्ट में लगाई गई है। इसमें जेल मैनुअल की अनदेखी का आरोप लगाते हुए लालू को फिर से जेल शिफ्ट करने की मांग की गई है। जेडीयू समेत कई दलों ने भी सवाल उठाए हैं।
लालू यादव ने खराब हेल्थ का हवाला देकर बेल भी पाना चाहा था मगर अदालत ने उसे ठुकरा दिया है। कम से कम चुनाव तक तो लालू का जेल से बाहर आना मुश्किल है। ऐसे में लालू रिम्स से चुनाव पर नियंत्रण और निगरानी करना चाहते हैं।
एनडीए ने 220 सीटों का दावा किया है के सवाल पर, तेजप्रताप ने कहा कि हम सभी 243 सीट लेकर आएंगे। वहीं, सूत्रों के मुताबिक तेजप्रताप इस बार महुआ सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। किसी सेफ सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर लालू से उनकी बात हुई है।
झारखंड में भाजपा ने हेमंत सरकार और जेल प्रशासन से कोरोना के कारण एक बंगले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलने वालों की संख्या पर नजर रखने की मांग की है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो से बंगले में लोग जेल मैनुअल के नियमों की धज्जियां उड़ा कर लगातार मिल रहे हैं। यह बंगला राजद का प्रधान चुनावी कार्यालय बनता जा रहा है।
रिम्स आने के बाद मुलाकात से पहले तेज प्रताप का कोरोना टेस्ट भी हुआ। घंटे भर की मीटिंग में लालू ने तेजप्रताप को कई हिदायतें दीं। रघुवंश प्रसाद सिंह मामले में फटकार भी लगाई।
शक्ति सिंह यादव नालंदा जिले के हिलसा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। जहां से वो पिछले विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने थे। इस सीट पर यादवों की अपेक्षा कुर्मी और अन्य पिछड़ी जातियों का प्रभाव ज्यादा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि हार के डर से पहले ही वह नीतीश कुमार के साथ हो लेंगे।
कहा जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह पर तेजप्रताप के बयान से लालू नाराज थे और इसी वजह से उनकी पेशी हुई है। बुधवार को सड़क मार्ग से झारखंड आए तेजप्रताप के साथ आरजेडी के झारखंड अध्यक्ष अभय कुमार सिंह भी मौजूद थे।
लालू की गैरमौजूदगी की वजह से एक तरफ महागठबंधन में शामिल दल तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने की कोशिश करते दिख रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी और परिवार के अंदर के कई फैसले अनुभवहीनता का शिकार हो रहे हैं।
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत लालू के डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल संक्रमण से भरा था। इस कारण लालू को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने का प्रस्ताव रिम्स प्रशासन को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को जिला प्रशासन से भी मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद लालू यादव को एक कैली डायरेक्टर बंगले में शिफ्ट किया गया था।