राज्यसभा में जिस तरह से लालू की प्रतिष्ठा लग गई है उस स्थिति में रघुवंश की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। आरजेडी में रघुवंश ही इकलौते नेता थे जिनकी दिल्ली में लालू से भी ज्यादा पैठ है। दूसरी पार्टियों में रघुवंश के रिश्ते भी काफी गहरे और मजबूत हैं।
महागठबंधन के यादव, मल्लाह और दूसरे अति पिछड़ा मतों पर मोदी और एनडीए की नजर है। एक तरफ नीतीश महागठबंधन का आधार खिसकाने के लिए घोषणाएं कर रहे थे, अब मोदी भी उसी आधार को दरकाने के लिए सामने आ गए हैं।
उद्धव सरकार के खिलाफ माहौल बना है उसे बीजेपी राज्य में भी भुनाने की कोशिश करेगी। एनडीए की स्ट्रेटजी से यह साफ है कि कांग्रेस-वामपंथी पार्टियों समेत दूसरे विपक्षी दलों को घेरने का काम बीजेपी का होगा जबकि नीतीश लालू फैमिली के बहाने आरजेडी पर हमले करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह हाल के दिनों में बिहार की सियासत में खासी चर्चा में रहे हैं, क्योंकि वह राजद में रामा सिंह की एंट्री को लेकर नाराज चल रहे हैं और उन्होंने इसका पुरजोर विरोध भी किया है। हालांकि यही कारण है कि रामा सिंह को अभी तक राजद में जगह नहीं मिल सकी है।
एक बार नीतीश को इस्तीफा देना पड़ा और मांझी, उनके "खड़ाऊ" मुख्यमंत्री बने। जैसे भरत ने प्रभु श्रीराम के वनवास के दौरान उनके खड़ाऊ से अयोध्या पर शासन किया। हालांकि न तो नीतीश राम हैं और न मांझी भरत।
श्रेयसी के पिता दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं। जबकि उनकी मां पुतुल सिंह बिहार की बांका लोकसभा सीट से सांसद रही हैं। अब माता-पिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिए बेटी श्रेयसी के चुनाव में कूदने की चर्चा है।
वैशाली के महुआ सीट से समस्तीपुर के हसनपुर क्षेत्र की दूरी 90 किमी है। क्षेत्र का सामाजिक समीकरण भी महुआ की तरह है। वहां भी यादव व कुशवाहा की बहुलता है। तेजप्रताप महुआ क्यों छोड़ना चाह रहे, बड़ा सवाल है। पिछले चुनाव में हसनपुर से जदयू जीता था। जदयू-राजद-कांग्रेस गठजोड़ में सीट जदयू को मिली थी।
सभी पार्टियों के दफ्तर में टिकट पाने की आस लेकर नेताओं का पहुंचना जारी है। हर नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहा। इसके लिए बड़े स्तर पर लॉबिंग की जा रही है। पार्टियों में टिकट के दावेदारों का रुख बड़े नेताओं का घर भी है।
रिम्स में लालू यादव से मिलने वाली बिहार से आरजेडी की विधायक समता देवी को क्वारंटीन कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने दलित होने का हवाला देते हुए प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
लालू के बड़े बेटे और विधायक तेजप्रताप यादव का इस तरह का अंदाज कई बार दिख चुका है। वो रिक्शे से लेकर घुड़सवारी तक करते नजर आए हैं। कई बार शिव और कृष्ण का रूप भी धारण करते हैं।