28 जुलाई, मंगलवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि का योग है। इस दिन पहले स्वाती नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं।
18 जुलाई, शनिवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बन रहा है।
17 जुलाई, शुक्रवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग बन रहा है।
9 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन शतभिषा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बन रहा है।
1 जुलाई, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन विशाखा नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग बन रहा है।
12 जून, शुक्रवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन शतभिषा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग बन रहा है।
आज (22 मई, शुक्रवार) शनि जयंती है। ये पर्व प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष फल मिलता है।
22 मई, शुक्रवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। शुक्रवार को कृत्तिका नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
14 मई की रात से सूर्य वृष राशि में प्रवेश कर चुका है। ये शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। वर्तमान में शुक्र ग्रह भी इसी राशि में वक्री स्थिति में है। शुक्र 25 जून तक इसी स्थिति में रहेगा।
14 मई, गुरुवार से बुध और सूर्य के बीच की दूरी बढ़ गई, जिससे बुध ग्रह उदय हो गया है। इसके पहले 19 अप्रैल को बुध अस्त हो गया था, जिसके कारण इस ग्रह के शुभ फल नहीं मिल पा रहे थे।