25 सितंबर, सोमवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरषाढ़ा नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अतिगण्ड और सुकर्मा नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
20 सितंबर, बुधवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से प्रजापति और इसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, विषकुंभ और प्रीति नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
Rishi Panchami 2023: इस बार ऋषि पंचमी का व्रत 20 सितंबर, बुधवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सप्त ऋषियों की पूजा करती हैं। महिलाओं के लिए ये व्रत करना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इससे जुड़ी कईं मान्यताएं भी हैं।
18 सितंबर, सोमवार को पहले चित्रा नक्षत्र होने से मुद्गर नाम का अशुभ योग और इसके बाद स्वाति नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन इंद्र और वैधृति नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:48 से 09:19 तक रहेगा।
Hartalika Teej 2023 Katha: भाद्रपद महीने में कईं व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, इनमें से हरतालिका तीज भी एक है। ये व्रत बहुत ही खास है, महिलाओं को इस दिन का बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार ये व्रत 18 सितंबर, सोमवार को मनाया जाएगा।
13 सितंबर, बुधवार को मघा नक्षत्र दिन भर रहेगा, जिससे चर नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। राहुकाल दोपहर 12:22 से 01:54 तक रहेगा।
Masik Shivratri 2023: हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है। इसे मासिक शिवरात्रि और शिव चतुर्दशी कहा जाता है। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Hartalika Teej Pujan Samgri: इस बार हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं रात भर जागकर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
12 सितंबर, मंगलवार को आश्लेषा नक्षत्र दिन भर रहेगा, जिससे आनंद का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, शिव और सिद्ध नाम के 3 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। राहुकाल दोपहर 03:26 से शाम 04:58 तक रहेगा।
Mangal Pradosh 2023: धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रतों का वर्णन मिलता है। प्रदोष व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने को दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। ये व्रत कई शुभ योग बनाता है।