25 जुलाई, मंगलवार को चित्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:50 से 05:29 तक रहेगा।
August 2023 Festival Calendar: साल 2023 का आठवां महीना अगस्त कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है। ये महीना बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि महीने में सावन और सावन का अधिक मास दोनों रहेंगे। रक्षाबंधन जैसे त्योहार भी इस महीने में मनाए जाएंगे।
21 जुलाई को पहले मघा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:54 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।
Lauki ka halwa recipe for vrat: सावन के व्रत में आपको कुछ अच्छा और मीठा खाने के मन कर रहा है, तो आइए आज हम आपको बताते हैं बोरिंग की सब्जी लौकी का हलवा बनाने की रेसिपी।
Dhokla vrat recipe: आमतौर पर ढोकला बेसन या सूजी का बनाया जाता है, जिसका सेवन हम व्रत में नहीं कर सकते, लेकिन हम आपको बताते हैं आज एक व्रत वाला ढोकला बनाने की रेसिपी।
Kamika Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। ये व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों को किया जाता है। इस तरह साल में 24 एकादशी व्रत किया जाते हैं। इस बार कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई, गुरुवार को किया जाएगा।
Aaj Ka Panchang: 13 जुलाई, गुरुवार को कृत्तिका नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे लुंबक नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन शूल और गण्ड नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:12 से 03:52 तक रहेगा।
Mangala Gauri Vrat 2023: 18 जुलाई, मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। ये इस बार का तीसरा मंगला गौरी व्रत रहेगा। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी ज्यादा हो गया है। इसी दिन से सावन का अधिक मास शुरू होगा।
11 जुलाई, मंगलवार को पहले अश्विनी नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग और इसके बाद भरणी नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि, सुकर्मा और धृति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।
Sawan Shivratri 2023 Date: वैसे तो पूरा सावन मास ही शिव पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है, लेकिन इस महीने में आने वाली शिवरात्रि बहुत ही खास मानी जाती है। धर्म ग्रंथों के ये व्रत जिस तिथि पर किया जाता है, उसी तिथि पर महादेव लिंग रूप में प्रकट हुए थे।