Vat Savitri Purnima Vart 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 3 जून, शनिवार को है। इस दिन कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Jyeshtha Purnima 2023 Date: इन दिनों हिंदू पंचागं का तीसरा महीना ज्येष्ठ चल रहा है। इस महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है क्योंकि ये तिथि 1 नहीं 2 दिन रहेगी। दोनों ही दिन इससे संबंधित शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
Aaj Ka Panchang: 1 जून, गुरुवार को स्वाती नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम का शुभ योग बनेगा। इस दिन वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:04 से 3:44 तक रहेगा।
Nirjala Ekadashi 2023: इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई, बुधवार को है। धर्म ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार निर्जला एकादशी पर कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Aaj Ka Panchang: 31 मई, बुधवार को चित्रा नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग बनेगा। इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:24 से 2:04 तक रहेगा।
Side Effects Of Not Drinking Water: पानी जीवन का आधार है और ये मानव शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। किडनी को शरीर से वेस्ट मैटीरियल बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में निर्जला व्रत रखने से जानें शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
June 2023 Festival Calendar: साल 2023 का छठा महीना जून कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें कबीर जयंती, दक्षिणी वट पूर्णिमा व्रत, योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी आदि प्रमुख हैं।
Nirjala Ekadashi 2023 Date: महाभारत में अनेक व्रत-पर्वों के बारे में बताया गया है। इनमें से निर्जला एकादशी भी एक है। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई, बुधवार को किया जाएगा।
Vat Savitri Purnima Vart 2023: भारत विविधताओं का देश है। यहां एक ही पर्व कई अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। ऐसा ही एक पर्व है वट सावित्री। उत्तर भारत में ये ज्येष्ठ अमावस्या को मनाते हैं, वहीं दक्षिण भारत में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर।
23 मई, मंगलवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा शूल और गण्ड नाम के 2 अन्य अशुभ योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:42 से शाम 5:21 तक रहेगा।