धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 22 मई, शुक्रवार को है।
हिंदू धर्म में अनेक व्रत व उपवास किए जाते हैं। उन सभी में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला व अपरा एकादशी कहते हैं। इस बार यह व्रत 18 मई, सोमवार को है।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
हिंदी पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ 8 मई, शुक्रवार से शुरू होगा, जो 5 जून तक रहेगा। इस महीने में गर्मी का मौसम अपने चरम पर रहता है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इसे पर्व को जानकी नवमी भी कहते हैं। इस बार यह पर्व 2 मई, शनिवार को है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व है। हर एकादशी का अपना विशिष्ठ नाम व महत्व धर्म ग्रंथों में लिखा है। इसी क्रम में वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 18 अप्रैल, शनिवार को है।
इस बार 9 अप्रैल, गुरुवार से वैशाख मास शुरू हो चुका है, जो 7 मई, गुरुवार तक रहेगा। हिंदू नववर्ष का यह दूसरा महीना है।
कोरोना वायरस पर रोकथाम पाने के लिए सरकार तमाम कोशिश कर रही है। ऐसे में देशभर में लॉकडान किया गया है, जिसके खत्म होने में अभी 4 दिन बाकी है, फिलहाल अभी इस पर विचार किया जा रहा है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए या फिर खत्म कर दिया जाए।