5 अप्रैल, को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। कामदा एकादशी को भगवान श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली है। इस बार यह एकादशी 20 मार्च, शुक्रवार को है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी कहते हैं। इस दिन शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए पूजा व व्रत किया जाता है।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली मानी गई है।
इस बार 21 फरवरी, शुक्रवार को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस बार ये एकादशी 19 फरवरी, बुधवार को है।
इस बार 9 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी का व्रत किया जाता है। इसे तिल द्वादशी भी कहते हैं।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। धर्म शास्त्रों में इसे अजा व भीष्म एकादशी भी कहा गया है। इस बार ये एकादशी 5 फरवरी, बुधवार को है।