वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इसे पर्व को जानकी नवमी भी कहते हैं। इस बार यह पर्व 2 मई, शनिवार को है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व है। हर एकादशी का अपना विशिष्ठ नाम व महत्व धर्म ग्रंथों में लिखा है। इसी क्रम में वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 18 अप्रैल, शनिवार को है।
इस बार 9 अप्रैल, गुरुवार से वैशाख मास शुरू हो चुका है, जो 7 मई, गुरुवार तक रहेगा। हिंदू नववर्ष का यह दूसरा महीना है।
कोरोना वायरस पर रोकथाम पाने के लिए सरकार तमाम कोशिश कर रही है। ऐसे में देशभर में लॉकडान किया गया है, जिसके खत्म होने में अभी 4 दिन बाकी है, फिलहाल अभी इस पर विचार किया जा रहा है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए या फिर खत्म कर दिया जाए।
5 अप्रैल, को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। कामदा एकादशी को भगवान श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली है। इस बार यह एकादशी 20 मार्च, शुक्रवार को है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी कहते हैं। इस दिन शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए पूजा व व्रत किया जाता है।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली मानी गई है।