चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। कामदा एकादशी को भगवान श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। इस बार यह व्रत 23 अप्रैल, शुक्रवार को है।
कोरोना की बेकाबू होती दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए पीएम मोदी का पूरा दिन बैठकों और रणनीति बनाने में ही बीता। नौ दिन नवरात्रि रहने के बावजूद पीएम मोदी का मैराथन बैठकों का दौर जारी रहा। इसी दौरान उन्होंने बीजेपी की कोर टीम की भी बैठक की और महामारी में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के वर्कर्स से सहयोग का प्लान बनाया।
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को गोविंद द्वादशी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान गोविंद की पूजा और व्रत करने से कष्ट एवं रोगों का नाश होता है साथ ही अतिरात्र याग नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस बार ये तिथि 25 मार्च, गुरुवार को है।
इस बार 24 मार्च, बुधवार को आमलकी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु व आंवला वृक्ष की पूजा करने का विधान है। इसलिए इसे आमलकी एकादशी कहते हैं।
फाल्गुन कृष्ण एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 9 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है, उसे हर काम में विजय यानी सफलता मिलती है।
इस बार 23 फरवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे जया, अजा व भीष्म एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 8 फरवरी, सोमवार को है। इस दिन तिल से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस तिथि को बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ माना गया है। इस बार ये तिथि 7 फरवरी, रविवार को है।
27 फरवरी तक हिंदू पंचांग का 11वां महीना माघ रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार माघ महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा खासतौर पर करनी चाहिए। फरवरी 2021 में मनाएं जाएंगे वसंत पंचमी और गुप्त नवरात्रि पर्व, आगे जानिए फरवरी 2021 में किस दिन कौन-सा पर्व मनाया जाएगा और उनका महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 9 जनवरी, शनिवार को है। इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।