हिंदू कैलेंडर का नया महीना आषाढ़ 25 जून से शुरू हो चुका है, जो 24 जुलाई तक रहेगा। इस महीने में भड़ली नवमी और देवशयनी एकादशी जैसे बड़े व्रत और पर्व रहेंगे।
हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत किया जाता है। हर साल यह व्रत देश के कुछ हिस्सों में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को तो कुछ हिस्सों में पूर्णिमा को किया जाता है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 21 जून, सोमवार को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत करने से वर्ष की सभी एकादशियों का फल प्राप्त हो जाता है।
वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतानहीन स्त्रियां गुणवान संतान पाने के लिए रखती हैं।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 6 जून, रविवार को है।
वैशाख महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता माने जाते हैं।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोह जाल तथा पापों से छुटकारा पा जाते हैं।
वैशाख महीने की पहली एकादशी 7 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस एकादशी व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था।
वैशाख मास हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है, जो इस बार 28 अप्रैल से 26 मई तक है। इसमें भगवान विष्णु और शिवजी की विशेष पूजा की परंपरा है साथ ही पूरे महीने व्रत और उपवास रखे जाते हैं।
इस बार 27 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र मास की पूर्णिमा है। इसी तिथि पर हनुमानजी का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है।