जिन लोगों के नाम पहला अक्षर गु, गे, गो, सा, सी, सु, से सो, सा. होता है, वे कुंभ राशि के होते हैं।
इस बार 8 फरवरी को शनिवार और पुष्य नक्षत्र होने से शनि-पुष्य का शुभ योग बन रहा है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है।
शनि ने राशि परिवर्तन कर लिया है और अब ये ग्रह ढाई साल तक मकर राशि में रहेगा। मकर राशि का स्वामी शनि ही है।
इस बार 11 जनवरी, शनिवार को शनि पुष्य का शुभ योग बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार इस शुभ योग में अगर शनिदेव की पूजा और आरती की जाए तो शुभ फल मिलते हैं और शनिदेव को प्रकोप से भी बचा जा सकता है।
24 जनवरी, शुक्रवार को शनि राशि बदलकर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर दिखाई देगा। आज हम हम आपको शनिदेव के वाहनों के बारे में बता रहे हैं।
हिंदू धर्म में शनिदेव को लेकर कई भ्रांतियां प्रचलित हैं, जैसे शनि एक क्रूर ग्रह है, वह सिर्फ अशुभ फल ही प्रदान करता है और जिस पर शनि की नजर पड़ जाए उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।
ज्योतिष में कुल 12 राशियां बताई गई हैं। इन सभी 12 राशियों के अलग-अलग ग्रह स्वामी हैं। मेष और वृश्चिक का स्वामी मंगल है, वृष और तुला राशि का स्वामी शुक्र है।
ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश कहा गया है यानी न्याय करने वाले देवता। जब भी किसी राशि पर शनि की टेढ़ी दृष्टि पड़ती है, उस राशि वाले लोगों को बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।
शनिदेव मनुष्य को उसके हर अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं, इसलिए उन्हें न्यायाधीश कहा जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का असर होता है, उन्हें इस दौरान अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव व भगवान हनुमान की आराधना से दुनिया का हर सुख प्राप्त किया जा सकता है। जहां शनि अच्छे कर्मों का फल देकर भक्त पर कृपा करते हैं, तो वहीं श्रीहनुमान की कृपा बल, बुद्धि, ज्ञान व सफलता के रूप में मिलती है।